बशीर बद्र की शायरी | 50 Best Bashir Badr Shayari Quotes Poetry in Hindi
Latest Bashir Badr Shayari in Hindi. Read Best Bashir Badr Quotes in Hindi, Bashir Badr Poetry in Hindi, Bashir Badr Love Shayari, बशीर बद्र की दर्द भरी शायरी, डॉ बशीर बद्र की गजलें, बशीर बद्र इंतजार शायरी, लिरिक्स ऑफ़ बशीर बद्र ग़ज़ल, जाने माने शायरों की शायरी, निदा फ़ाज़ली शेर इन हिंदी And Share it On Facebook, Instagram And WhatsApp.
#1 - Top 10 Bashir Badr Shayari in Hindi
सुना के कोई कहानी हमें सुलाती थी
दुआओं जैसी बड़े पान-दान की ख़ुशबू
सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर
कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल
तीर सीने पे लगा हो जैसे
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है
इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है
ग़ज़लों ने वहीं ज़ुल्फ़ों के फैला दिए साए
जिन राहों पे देखा है बहुत धूप कड़ी है
#2 - Bashir Badr Quotes in Hindi
जिस को देखो मिरे माथे की तरफ़ देखता है
दर्द होता है कहाँ और कहाँ रौशन है
कमरे वीराँ आँगन ख़ाली फिर ये कैसी आवाज़ें
शायद मेरे दिल की धड़कन चुनी है इन दीवारों में
दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है
अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते
पहचान अपनी हम ने मिटाई है इस तरह
बच्चों में कोई बात हमारी न आएगी
वो अब वहाँ है जहाँ रास्ते नहीं जाते
मैं जिस के साथ यहाँ पिछले साल आया था
#3 - Bashir Badr Poetry in Hindi
ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है
कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे
मैं तमाम तारे उठा उठा के ग़रीब लोगों में बाँट दूँ
वो जो एक रात को आसमाँ का निज़ाम दे मिरे हाथ में
महलों में हम ने कितने सितारे सजा दिए
लेकिन ज़मीं से चाँद बहुत दूर हो गया
हयात आज भी कनीज़ है हुज़ूर-ए-जब्र में
जो ज़िंदगी को जीत ले वो ज़िंदगी का मर्द है
वो माथा का मतला हो कि होंठों के दो मिसरे
बचपन से ग़ज़ल ही मेरी महबूबा रही है
#4 - Bashir Badr Love Shayari
ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना
तितली की कहानी है फूलों की ज़बानी है
-
मेरा शैतान मर गया शायद
मेरे सीने पे सो रहा है कोई
कोई फूल सा हाथ काँधे पे था
मिरे पाँव शो'लों पे जलते रहे
जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर
भेजा वही काग़ज़ उसे हम ने लिखा कुछ भी नहीं
फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गौहर बरसे
और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे
#5 - बशीर बद्र की दर्द भरी शायरी
लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए
यूँ याद तिरी शब भर सीने में सुलगती है
-
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे
एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे
मुझे लगता है दिल खिंच कर चला आता है हाथों पर
तुझे लिक्खूँ तो मेरी उँगलियाँ ऐसी धड़कती हैं
दिन में परियों की कोई कहानी न सुन
जंगलों में मुसाफ़िर भटक जाएँगे
-
मिरे साथ चलने वाले तुझे क्या मिला सफ़र में
वही दुख-भरी ज़मीं है वही ग़म का आसमाँ है
#6 - डॉ बशीर बद्र की गजलें
हँसो आज इतना कि इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई न दे
-
हम ने तो बाज़ार में दुनिया बेची और ख़रीदी है
हम को क्या मालूम किसी को कैसे चाहा जाता है
-
वो इंतिज़ार की चौखट पे सो गया होगा
किसी से वक़्त तो पूछें कि क्या बजा होगा
गले में उस के ख़ुदा की अजीब बरकत है
वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है
-
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो
मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा
#7 - बशीर बद्र इंतजार शायरी
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे
कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेज़ी दवाओं में
-
उसे पाक नज़रों से चूमना भी इबादतों में शुमार है
कोई फूल लाख क़रीब हो कभी मैं ने उस को छुआ नहीं
-
यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें
तिरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है
ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं
लौट के अपने घर शाम तक जाएँगे
-
मेरी आँख के तारे अब न देख पाओगे
रात के मुसाफ़िर थे खो गए उजालों में
#8 - लिरिक्स ऑफ़ बशीर बद्र ग़ज़ल
हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका
सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा
-
इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक
आँखों से की बातें बहुत मुँह से कहा कुछ भी नहीं
-
मंदिर गए मस्जिद गए पीरों फ़क़ीरों से मिले
इक उस को पाने के लिए क्या क्या किया क्या क्या हुआ
तुम्हारे घर के सभी रास्तों को काट गई
हमारे हाथ में कोई लकीर ऐसी थी
-
हक़ीक़तों में ज़माना बहुत गुज़ार चुके
कोई कहानी सुनाओ बड़ा अँधेरा है
#9 - जाने माने शायरों की शायरी
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ
मय-कदे में कोई छोटा न बड़ा जाम उठा
-
तहज़ीब के लिबास उतर जाएँगे जनाब
डॉलर में यूँ नचाएगी इक्कीसवीं सदी
-
मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा
आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता
-
मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई
इस लिए मेरे कमरे में इतनी ठंडक रहती है
#10 - निदा फ़ाज़ली शेर इन हिंदी
वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा था
बिछड़ गया तो ब-ज़ाहिर कोई मलाल नहीं
-
रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा
जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में
-
इक दीवार पे चाँद टिका था
मैं ये समझा तुम बैठे हो
पहली बार नज़रों ने चाँद बोलते देखा
हम जवाब क्या देते खो गए सवालों में
-
बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली सा
ख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते
Related Posts :
Thanks For Reading बशीर बद्र की शायरी | 50 Best Bashir Badr Shayari Quotes Poetry in Hindi. Please Check Daily New Updates On Devisinh Sodha Blog For Get Fresh Hindi Shayari, WhatsApp Status, Hindi Quotes, Festival Quotes, Hindi Suvichar, Hindi Paheliyan, Book Summaries in Hindi And Interesting Stuff.
No comments:
Post a Comment