चाँद पर शायरी | 101+ Chand Shayari in Hindi 2023
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#1 - Top Chand Shayari in Hindi
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे; पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे;
बदल जाये तो बदले ये ज़माना; हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे
वैसे तो कई दोस्त है हमारे जैसे आसमान में है कई तारे
पर आप दोस्ती के आसमान के वो चाँद है जिसके सामने फीके पड़ते हैं सारे सितारे.
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका
जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका
हमने क़सम खायी है चाँद को चाँद रहने देंगे ..
चाँद में अब तुम को ना ढूँढा करेंगे ..
#2 - Chand Shayari in Hindi For Girlfriend
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर.
है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की
हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की
ये दिन हैं जब.. चाँद को देखे.. मुद्दत बीती जाती है,
वो दिन थे जब चाँद हमारी छत पे आया करता था.
मेरा और उस चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में तन्हा मैं हजारो में तन्हा।
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है..
#3 - चाँद की खूबसूरती शायरी
रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद…
बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद
तस्वीर बना कर तेरी आस्मां पे टांग आया हूँ ,
और लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग़ कैसे है
बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग,
बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इसमें भी दाग…
ना जाने किस रैन बसेरो की तलाश है इस चाँद को…..।।
रात भर बिना कम्बल भटकता रहता है इन सर्द रातो में….।।
तुम सुबह का चाँद बन जाओ, मैं सांझ का सूरज हो जाऊँ!
मिलें हम-तुम यूँ भी कभी, तुम मैं हो जाओ…मैं तुम हो जाऊँ…
#4 - चाँद शायरी २ लाइन
ऐ चाँद चला जा क्यों आया है तू मेरी चौखट पर,
छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में तुझे देखते थे।
-
ख्वाबो की बातें वो जाने जिनका नींद से रिश्ता हो,
मैं तो रात गुजारती हुँ चाँद को देखने में…
चाँद हो या न हो, चांदनी रात है,
मैं तेरे साथ,तू मेरे साथ है !
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है
उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है
#5 - पूर्णिमा के चाँद पर शायरी
चाँद को तो चाहने वाले है सभी,
पर देखना ये है की चाँद किस पर फ़िदा होता है.
-
रात में एक टूटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था…
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था !
सुबह हुई कि छेडने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए
मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए
-
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद।
#6 - चाँद पर गजल
वो थका हुआ मेरी बाहों में ज़रा सो गया था तो क्या हुआ,
अभी मैं ने देखा है चाँद भी किसी शाख़-ए-गुल पे झुका हुआ !
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सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में की,
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में…
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रात को रोज़ डूब जाता है…
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे।
इश्क तेरी इन्तेहाँ इश्क मेरी इन्तेहाँ,
तू भी अभी न-तमाम मैं भी अभी न-तमाम।
-
आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
#7 - चाँद शायरी गुलज़ार
सुबह हुई कि… छेड़ने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
-
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम,
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
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कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।
मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ,
सो अब के दरिया में एक दाएरा बनाना है।
-
न चाहते हुए भी मेरे लब पर
ये फरियाद आ जाती है,
ऐ चाँद सामने न आ
सनम की याद आ जाती है।
#8 - चाँद पर शायरी Rekhta
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैं,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
-
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से,
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
-
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
-
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यूँ मेरे साथ सारी रात जगा करता है,
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।
#9 - चाँद पर कविता
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
-
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
-
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में
खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में
-
मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।
#10 - चाँद पर शायरी in English
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको,
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया।
-
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।
-
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पर चाँद पूरा था… मगर आधा लगा।
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक…
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
-
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
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