पार्टी शायरी | 199+ Party Shayari in Hindi 2023
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#1 - Top Party Shayari in Hindi
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,
मीठी बात और चेहरे पर मुस्कान,
ऐसे लोग ही है हमारी महफ़िल की शान…
बूझी शमा भी जल सकती है,
तुफानो से कश्ती भी निकल सकती है,
हो के मायूस यूँ ना अपने इरादे बदल,
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है…
दिलों में विश्वास पैदा करता है,
मन में कुछ आस पैदा करता है,
मिटटी की तो कुछ बात ही अलग है,
ईश्वर तो पत्थरों में भी घास पैदा करता है…
ये नन्हे फूल तब महकते हैं,
जब खुदा की नीली छत्रियां तनती हैं,
ये नन्हे मुन्हे फरिश्तो के लिए,
जोरदार तालियाँ तो बनती हैं…
निकाल दे अपने दिल से हर डर को,
नजारे मिलेंगे नए फिर तेरी नजर को,
दामन भर जाएगा सितारों से तेरा,
ये दुनिया देखेगी तब तेरे उभरते हुनर को…
#2 - फ्रेशर्स डे एंकरिंग शायरी
जोड़ने वाले को मान मिलता है,
तोड़ने वाले को अपमान मिलता है,
और जो खुशियाँ बाँट सके,
दुनिया मे उसे सम्मान मिलता है…
खुशियो पर मौज की रवानी रहेगी,
जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी,
हम यू कार्यक्रम में चार चाँद लगाते रहेंगे,
गर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी…
हे मात अपने नूर से, कुछ इस तरह भर दे हमें
तूफ़ान हो आँधी चले, पर रौशनी जलती रहे।
आसमान से ऊँची हमारी शान हो जाये
सारे ज़हान में हिन्द महान हो जाये
आओ कसम उठायें कुछ ऐसा कर जाने की
कि स्वस्थ और स्वच्छ हिन्दुतान हो जाये।
यह अगर जंग है तो हम मिलकर लड़ेंगें
ये अगर मोहब्बत है तो दिल से करेंगें
किक मारो सारी टेंशन को यारो
आज बस मस्ती करो बाकी बात कल करेंगें।
#3 - स्वागत शायरी इन हिंदी फॉर एंकरिंग
पीछे छोड़ो बचपना, भूल जाओ घर द्वार
फ्रेशर्स की है पार्टी, मस्ती कर लो यार।
आज का दिन ये फिर नहीं होगा
ये पल ये क्षण भी फिर नहीं होगा
फ्रेशर्स पार्टियाँ तो बहुत होंगीं यारो
ऐसा आलम ये फिर नहीं होगा।
हमें सिगरेट का धुँवा ना समझो,
जो छल्ला बना लोगे
ख़ुद निठल्ले हो तो तुम,
हमें भी निठल्ला बना दोगे।
हम कोई करीना नहीं हैं कि तुम,
सैफ़ अली की तरहा
हमारी लहराती चुनर को,
साड़ी का पल्ला बना दोगे।।
ये ज़िद मनमानी और ही है
ये नई जवानी और ही है
इस बार का जलवा और ही है
इस बार कहानी और ही है।
लो उठे फ़लक की ओर कदम
हम भरने उड़ानें निकले हैं
जल उठीं मशालें हाथों में
कर वश में हवायें निकले हैं।
#4 - मंच संचालन शायरी इन हिंदी
कोई कहता मंदिर जाओ, जप तप कर लो ध्यान करो
कोई कहता मस्ज़िद जाओ, सज़दा कर रमजान करो
इक सबक मुहब्बत का भूले, हर दिल में ईश्वर बसता है
पूजा सज़दा हो जायेगी, हो सके तो सबको प्यार करो।
-
ना थामा हाँथ कोई गम नहीं उंगली पकड़ लेता
मैं खुश्बू बनके उड़ जाता अगर बाहों में भर लेता।
हमने भी अच्छे अच्छों का ईमान ख़राब देखा है
मौका परस्तों का दस्तूर रिवाज़ ए हिसाब देखा है
हवा हर बार जिनको बख्श देती थी मोहब्बत में
उन्हीं चिरागों को हमने हवाओं के ख़िलाफ़ देखा है।
तड़प सीने में हो आँखें, कहानी बोल देती हैं
चुभन पाँवों में उठती हो, निगाहें बोल देती हैं
हँसी करती रही दिन भर, दिखावा मुस्कराने का
धुँवा किस ओर उट्ठा है, हवायें बोल देती हैं।
ले सुहानी शाम आई, इश्क़ को आग़ोश में
फूल सज कर आये हैं, ख्वाबों की माला पहिनकर
इत्र मल-मल कर चली, पुरवाई हरसू नींद में
लड़खड़ाकर गिर पड़ीं, खुशियाँ हमारी गोद में।
#5 - स्टेज शायरी इन हिंदी
ये महज़ महफ़िल नहीं है, ये ख्वाबों की ज़मीन है
परदा तो उठने दो दोस्तो, ढेरों हसीं वाकयात होंगे।
-
ये शाम ये समां ये लुत्फ़, ये दिलकश आलम
ज़न्नत अगर होगी, तो यक़ीनन ऐसी ही होगी।
आओ करीब आओ डरो नहीं,
जी भर के लूट लो
फिर ना कहना मोहब्बत बट रही थी,
और हमें कतरा ना मिला।
हड़बड़ी न करें साहिबान,
आप इस तरहा रूठ कर न जायें
ये सिलसिला मुहब्बत का है,
ये कड़ियाँ कहीं टूट न जायें
हमने आपके लिए सितारों,
परियों का जमघट लगाया है
अब तो रहमतें बंटने ही वाली हैं,
जनाब कहीं छूट ना जायें।
-
सबकी गरिमा के अनुरूप,
सादर अभिवादन करते हैं
मंगल मूर्ति को दीप जला,
मंगल का गायन करते हैं
मेहमानों के स्वागत का भी,
क्रम का अनुपालन आवश्यक
बस इंतज़ार अब ख़त्म हुआ,
हम अभी शुभारंभ करते हैं।
#6 - Welcome शायरी इन हिंदी
इस रंग भरे गुलशन में हम,
खुश्बू का गगन बनायेंगे
लज़्ज़त के नए हिंडोलों में,
झूलेंगे और झुलायेंगे
यह महज़ नहीं इक आयोजन,
यह बरसातों का मेला है
हम आज सुधा बरसायेंगे,
भीगेंगे और भिगायेंगे।
-
ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाना, कतई मुश्किल नहीं
शर्त ये है कि तुमसा कोई, पास होना चाहिये।
-
हौसला बाज़ार में नहीं मिलता, पैदा किया जाता है
नीलकंठ तो बनना है सबको, ज़हर नहीं पिया जाता है
तड़प हो तो पर्वत का सीना चीर, नीर फूट पड़ता है
कदम बढ़ाओ मौका माँगा नहीं, छीन लिया जाता है।
आप काबिलों के काबिल आलिमों के आलिम हैं
गम में पुकारो ख़ुशी में पुकारो आप सदा हाज़िर हैं
हमें नाज़ है कि आप जैसी शख्शियत हमारे बीच में है
आप जैसे लोग इंसानों में नहीं फरिश्तों में शामिल हैं।
-
ताब आब बर्ताव नज़रिये ज़ज़्बात सब ऐसे ही होते
ये दानिशमंदी ये रहनुमाई के अंदाज़ ऐसे ही होते
हमने मुहब्बत के मसीहा देखे तो नहीं पर लगता है
कि फरिश्ते अगर होते तो क़ुछ क़ुछ आप जैसे ही होते।
#7 - किसी को बुलाने के लिए शायरी
नीले आस्मां से धुंध अब छंटने ही वाली है
खुशनुमा आलम है फिजा बहकने वाली है
कुछ फरिश्ते और परियां आनी थी वो भी आ गईं
सौगातें भी अब चंद पलों में बंटने ही वाली है।
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कहाँ हैं ऐसे लोग जो निस्पृह रण में जूझने जाते हैं
परहित में निजहेतु त्यागकर प्यार बाँटते जाते हैं
आशाओं के पुष्प पल्लवित होते इन्हीं मालियों से
आओ इनका स्वागत करके जीवन सफल बनाते हैं।
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कौन कहता है मुस्कराहटों के संजोग नहीं होते
दुनियाँ में अब मोहब्बतों के रोग नहीं होते
फरिश्तों और परियों का मेला लगा हुआ है यहाँ पर
शायद उन्होंने अब तक ग्रीन क्लब के लोग नहीं देखे।
कुछ चेहरे यूँ ही नहीँ मुस्कराया करते
रंग बसंती वो यूँ ही नहीँ उड़ाया करते
बड़ी जिम्मेदारी है सारा जहाँ महकाना
कुछ फूल दुनियाँ में यू ही नहीँ आया करते।
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इन रंग भरे पर्दों के पीछे से
गुनगुनाती खुशबु आ रही है
इक जुनूँ की लहक एक शिद्दत इक तड़प
सपनीली दुनिया मुस्करा रही है
अब तो दिल भी काबू में नहीं
धड़कनें भी उतावली सी हैं
ये बगावती इशारे कहीं इस बात के तो नहीं
कि अगली प्रस्तुति धमाके वाली आ रही है।
#8 - शुभारंभ शायरी
इन तंत्र-मन्त्र टोटके करने वालों को
भगवान नहीं कह सकते
चंद सिक्के दान कर देने वालों को
महान नहीं कह सकते
उदास चेहरे पे मुस्कान लाओ,
तो रकीब भी कह दें तुम्हें
खुदगर्ज़ सिर्फ खुदगर्ज़ ही होते हैं,
उनको इंसान नहीं कह सकते।
-
दुनियादारी के रंग ढंग मुझमें भी हैं,
मैं कोई जहां से अलग या जुदा नहीं हूँ
कोई ग़लती हो जाये तो माफ़ कर देना,
मै भी इंसान हूँ कोई खुदा नहीं हूँ।
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बिना दुश्वारी के बिना तकलीफों के
ये नामुराद ख़्वाब कहाँ संवरते है
हवा चाहे तो आतंक मचा कर देख ले
हम वो चिराग हैं जो आँधियों में भी जलते हैं।
धुन्ध ही धुंध थी पूरा आसमान,
सर पे उठा रक्खा था
एक बार हुज़ूर क्या कह दिया हमने,
आतंक मचा रक्खा था
हमने इक रोज़ इमदाद मांग कर,
उनकी हवा ख़राब कर दी
जिन्होंने खुद को बहुत बड़ा,
सुल्तान समझ के रक्खा था।
-
यश फैले जयवंत हों, हो अंनत सम्मान
गुंजित हो नभ पार तक, आपके सुंदर काम
हम सब आभारी हुये, श्रीमान जी आये
ताली जरा बजाओ तो, मुख्य अतिथि के नाम।
#9 - भाषण के लिए शायरी
जन-जन की उम्मीद जो, हर मन की जो आस
पुलकित आयोजक हुये, पाकर उनको पास
ह्रदय डुबोकर हर्ष में, मुदित भाव भर नैन
चलो बजाकर तालियाँ, स्वागत कर लें आज।
-
कलाकार ने खींच दी, रेखा इक गम्भीर
सच का करके सामना, नैनन आया नीर
जोरदार हो तालियाँ, शहर भले हिल जाय
इस प्रस्तुति से आज की, बदल गई तस्वीर।
-
जिव्हा बैठीं सरस्वती, शब्द-शब्द है नूर
मुख्य अतिथि का स्वागतम, दिल से हो भरपूर
भाषण बहुत कमाल था, अनुपम सुने विचार
ख़ूब बजाओ तालीयाँ, ये सच्चे हकदार।
बदली से टकराई जो, पायल की झंकार
सुख की सुंदर यात्रा, ले गई नभ के पार
मिश्री जैसी बारिशें, ले गईं दिल को लूट
जोर शोर से तालियाँ, बनती हैं सरकार।
-
इतनी सुंदर प्रस्तुति, इतना सुंदर काम
शाबाशी कर दीजिये, इन बच्चों के नाम
खुलकर दे दो तालियाँ, इन परियों को आज
सबने अपने काम को, ख़ूब दिया अंजाम।
#10 - श्रोताओं के लिए शायरी
रौशन आलम हो गया, हर दिल में उत्साह
महफ़िल रंग जमायेगी, आशा दई जगाय
आप सभी जन को मेरा, नमस्कार आदाब
चलो आपके नाम पर, ताली कुछ हो जाय।
-
ताली आप बजाओगे, बिखर जायेगा नूर
बज जायेगा ह्रदय में, बच्चों के संतूर
अथक परिश्रम से किया, इनने आज धमाल
ये बच्चे हक़दार हैं, ताली हो भरपूर।
-
ठीक नहीं कहना मेरा, सबसे यह हर बार
करतल ध्वनि हो जाये तो, हो जाये उपकार
बिना कहे बजती रहें, हर प्रस्तुति के बाद
तड़-तड़ वाली तालियाँ, तब है कोई बात।
पहाड़ों से सितारों तक, गगन नीलाम हो जाये
नज़र भर हैं लबालब ख़्वाब, इक अरमान हो जाये
समंदर पी गये गम ख़्वार बनकर, इंतज़ारों में
उड़ानें कुछ हमारी मर्जियों के, नाम हो जाये।
-
ज़ुबाँ से बात निकलकर, कलाम हो जाये
तुम्हारी मिल्कियत, आसमान हो जाये
करो तो ऐसा करो, जिन्दगी में काम कोई
तुम्हारे काम से, भारत का नाम हो जाये।
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