ताज महल पर शायरी | 199+ Taj Mahal Shayari in Hindi 2023
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#1 - Top Taj Mahal Shayari in Hindi
जब प्यार किसी से होता हैं,
हर दर्द दवा बना जाता है,
क्या चीज मोहब्बत होती हैं,
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं.
जब प्यार किसी से होता हैं,
हर दर्द दवा बना जाता है,
क्या चीज मोहब्बत होती हैं,
एक शख़्स खुदा बन जाता हैं.
इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल,
सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है…
अगर इतना ही आसान होता,
किसी की यादों को भुलाना तो,
मुमताज की याद में शाहजहां को,
ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता।
जब ख़्वाबों के ताज को जलाया दर्द के महल में,
तब रौशनी बिखरी है जाकर ताजमहल पर।
#2 - Taj Mahal Shayari in English
इश्क ने इंसान को क्या बना दिया,
किसी को कवि किसी को कातिल बना दिया,
दो फूलों का बोझ न उठा सकती थी मुमताज
और शाहजहाँ ने उसपर ताजमहल बना दिया.
चाहत थी मेरी हंसी ताजमहल की तरह,
तेरी यादो ने हमको ही खण्डहर बना दिया।
ताज महल क्या चीज़ है
मैं तेरे लिए हीरों का महल बनवाऊंगा
मुमताज़ महल तो मर के दफ़न हुई थी
मैं तुझे जिंदा ही दफ्नाऊंगा.
हम कोनसा उस बेवफा की वफा के मोहताज है,
हमारे सपनों के ताजमहल के लिए उम्मीदवार कई मुमताज है।
ताजमहल तो वो ईमारत है,
जब जब कोई इसे देखे तो
तो महबूब याद आ जाता है।
#3 - ताजमहल शायरी रेख़्ता
ताजमहल को देख कर बोला शाहजहाँ का पोता.
आज हमारा भी बैंक बैलेंस होता, अगर दादा आशिक ना होता!
महलों में जो ढ़ूंढ़ोगे तो तरसोगे मोहब्बत को,
ख़ज़ाना यहाँ छूपा है, झोंपड़ी के ताजमहल में।
अगर इस जहाँ में मजदूर का न नामों निशाँ होता,
फिर न होता हवामहल और न ही ताजमहल होता…
ताजमहल की ईमारत मोहबत की मिसाल नज़र आती है
हम किस किस के लिए ताजमहल बनाये
हमे तो हर लड़की में मुम्ताज़ नज़र आती है
एक मुलाकात बस आखरी बार,
फिर मैं दफन कर दूंगा अपनी
मोहब्बत को ताजमहल के पास।
#4 - Taj Mahal Quotes in Hindi
जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है.
-
ए ताज तेरा रंग या मेरा इश्क़ गहरा है,
यूं तो दोनों पर ही दुनिया का पहरा है।
हर दिल में एक मुमताज होती है,
हर दिल एक ताजमहल होता हैं.
कुछ तो बात है मोहब्बत में,
वरना एक लाश के लिए कोई
ताजमहल नहीं बनवाता।
सीख रही हूं लफ्ज़ो की कारीगरी,
मुझे भी तो उसकी याद में,
लफ्ज़ो का ताजमहल बनाना हैं।
#5 - कौन कहता है ताजमहल खूबसूरत है
हजारों झोपडियां जलकर राख होती हैं,
तब जाकर एक महल बनता हैं,
आशिको के मरने पर कफ़न भी नहीं मिलता,
हसीनाओं के मरने पर ‘ताज महल’ बनता हैं.
-
बेचैन हो ‘तुम भी और बेचैन हूँ ‘मैं’ भी,
तुम ताज़ के लिए,मैं मुमताज़ के लिए।
रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना,
कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।
झोपड़ियों में कहां बसता है इश्क “शहजादी”
ताजमहल की बात तो अगले जन्म में करूंगा।
-
जिन्दा है शाहजहाँ की चाहत अब तक,
जवान है मुमताज की उल्फत अब तक,
जाकर देखो ताजमहल को यारो
पत्थर से भी टपकती है मोहब्बत अब तक.
#6 - ताजमहल शायरी
दौलत से महज़ महल बना करते है,
पाक़ रिश्तों से ताजमहल बना करते है।
-
रिश्तें राजमहल की तरह होते हैं,
सबको उनकी ख़ूबसूरती तो दिखती हैं,
पर उन्हें बनाने में लगी “मेहनत” और “वक्त”
किसी को नजर नहीं आता हैं.
-
तुम आगरा की वह ताज हो,
तुम इश्क़ में मेरी मुमताज़ हो।
सफ़र लम्बा है दोस्त बनाते रहिये,
दिल मिले ना मिले हाथ बढ़ाते रहिये,
ताजमहल न बनाईये महंगा पड़ेगा,
मगर हर तरफ मुमताज़ बनाते रहिये।
-
इस ईश्क कि निशानी ने दुनिया को दिवाना बनाया हैं,
कैसी होगी वो मोहब्बत ये अफसाना बताया हैं।
#7 - रिश्तों को वक़्त दो ताज महल
अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता,
तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता,
यह तो करिश्मा हैं मोहब्बत का
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता.
-
ना हम राजमहल चाहते थे,
ना कोई ताजमहल चाहते है,
हम तो बस आपसे थोड़ा प्यार और थोडी इज्जत चाहते है।
-
ताश के पत्तों से ताजमहल नहीं बनता,
नदीं रोकने से समुन्दर नहीं बनता,
लड़ते रहो जिन्दगी से हरपल
क्योकि एक जीत से कोई सिकन्दर नहीं
मत बनाओ हवाई ताज़महल हर किसी के लिए,
जो सबसे हो जाया करे वो मोहब्बत नहीं होती।
-
शहर के हर गली में ताज होता।
गर मेरे महबूब में भी अक्स-ए-मुमताज होता।
#8 - मुमताज की शायरी
तू रहकर इस दिल में इस
दिल को ही तोड़ गया इस तरह,
कि हमने हर टुकड़े को नकाश कर तेरी
यादों का ताजमहल बना लिया।
-
कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एक
लाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता॥
-
मेरे खूबसूरत दिल को भी
शायद ताजमहल समझ लिया है लोगो ने,
देखने और घूमने तो बहुत लोग आते है,
पर रहता कोई नहीं।
किसकी खूबसूरती का दीदार करें हम,
आज वो और ताजमहल दोनों आमने सामने हैं.
-
ताजमहल भी बनवा देंगे,
एक बार उनको हमसे
सच्चा प्यार तो हो जाने दो।
#9 - आगरा शायरी
मै भी बना लूंगा महल तू मुमताज़ बनके तो दिखा
-
अकेला पन क्या होता है,
कोई ताजमहल से पूछे,
देखने के लिए पूरी दुनिया आती है,
लेकिन रहता कोई नही।
-
सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता,
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता।
अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो,
ताजमहल इतना नायाब ना होता।
-
सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..
#10 - ताज महल पर कविता
दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते है ताजमहल,
मगर मुमताज़ को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं।
-
रिश्ते ताजमहल की तरह होते हैं,
सबको उनकी खूबसूरती तो दिखती हैं,
पर उन्हें बनानें में लगी ‘मेहनत’ और ‘वक्त’
किसी को नहीं नजर आता.
-
मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए।
अगर ताजमहल एक सच्चे
प्यार की निशानी है,
तो दूसरी तरफउसे बनाने वाले
मजदूरों की भी उसके पीछे छुपी
एक दर्द भरी कहानी है.
-
इश्क़ वक्त, जाति-धर्म जैसी चीजों का मोहताज नहीं,
वरना बनता मुमताज की मौत पर ताज नहीं।
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