स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन | 101+ Swami Vivekananda Quotes in Hindi
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#1 - Top 10 Swami Vivekananda Quotes in Hindi
एक पुस्तकालय महान व्यायामशाला है जहाँ हम अपने मन को मजबूत बनाने के लिए जाते हैं।
हे महाऋषियों! आप ठीक ही कहते थे। जो किसी व्यक्ति विशेष के आश्रय रहता है। वह सत्य रूपी प्रभु की सेवा नहीं कर सकता।
खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आप की ऊंचाई को खत्म भी कर सकती है।
जो आपकी मदद कर रहा है उन्हें न भूलें। जो आपको प्यार कर रहे हैं उनसे नफरत न करें। जो आप पर विश्वास कर रहे हैं उन्हें धोखा ना दें।
#2 - Swami Vivekananda Shayari in Hindi
जीने के साथ लगातार सीखते भी जाना चाहिए इस भरोसे पर नहीं रहना चाहिए कि उम्र अपने साथ बुद्धि भी लेकर आएगी।
समस्त प्रकृति आत्मा के लिए है, आत्मा प्रकृति के लिए नहीं।
आप जोखिम लेने से भयभीत न हो। यदि आप जीतते हैं तो आप नेतृत्व कर सकते हैं। यदि हारते हैं तो आप दूसरों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।
सत्य को स्वीकार करना जीवन का सबसे बड़ा पुरुषार्थ है
भिखारियों को लूट कर या चीटियों का शिकार करके क्या लाभ हो सकता है। अतः यदि प्रेम करना है तो ईश्वर से करो इन सांसारिक वस्तुओं की परवाह कौन करता है। यह संसार मिथ्या है।
#3 - Swami Vivekananda Status in Hindi
मुझे इस बात का विश्वास नहीं है कि वह भगवान जो मुझे यहाँ रोटी नहीं दे सकता वही मुझे स्वर्ग में अनंत खुशी दे सकता है।
मनु ने सन्यासियों के लिए कहा है कि अकेले रहो और अकेले चलो। सारा संसार बच्चे का खेल मात्र है। – प्रचार करना, शिक्षा देना तथा सभी कुछ।
मेहनत से जीवन की हर मुश्किल से बाहर निकला जा सकता है।
तुच्छ वस्तुओं के लिए कभी प्रार्थना ना करें। यदि आप केवल शारीरिक आराम की ही आकांक्षा करते हो तो पशु और मनुष्य में क्या अंतर है।
मध्य युग में चोर डाकू अधिक थे अब छल कपट करने वाले अधिक है।
#4 - स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
कानून मकड़जाल की तरह होता है। जब कोई कमजोर और बीमार फंसता है तो मारा जाता है। जबकि शक्तिशाली और बलवान जाल तोड़कर भाग जाता है। कानून मौत की तरह होना चाहिए जो किसी को ना बक्शे।
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तुम अपनी मंजिल को तो रातों-रात नहीं बदल सकते परंतु अपनी दिशा को रातों रात बदल सकते हैं।
बाहर की दुनिया बिलकुल वैसी है जैसा कि हम अंदर से सोचते हैं। हमारे विचार ही चीजों को सुंदर और बदसूरत बनाते हैं। पूरा संसार हमारे अंदर समाया हुआ है, बस जरूरत है चीजों को सही रोशनी में रखकर देखने की।
हम हमेशा अपनी कमज़ोरी को अपनी शक्ति बताने की कोशिश करते हैं। अपनी भावुकता को प्रेम कहते हैं और अपनी कायरता को धैर्य।
दिन-रात अपने मस्तिष्क को उच्चकोटि के विचारों से भरो। जो फल प्राप्त होगा वह निश्चित ही अनोखा होगा।
#5 - स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन pdf
हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जिससे चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैर पर खड़ा हो सके।
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हमारे विचार चीजों को खूबसूरत या बदसूरत बनाते हैं। सारी दुनिया हमारे मन में ही है। इसलिए चीजों को नई रोशनी में सकारात्मकता से देखना सीखें।
नेतृत्व करते समय सबके दास हो जाओ। निस्वार्थ हो और कभी एक दोस्त को पीठ पीछे दूसरे की निंदा करते मत सुनो। अनंतत: सफलता तुम्हारे हाथ लगेगी।
यदि अच्छी चीजें आएं तो उनका स्वागत है। यदि वो जाती हैं तो भी उनका स्वागत है। जाने दो! जब वह आती है, तो भी धन्य है जब जाती हैं तो भी धन्य है।
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जीवन में संबंध होना बहुत जरूरी है। पर उससे भी जरूरी है उन संबंधों में जीवन होना।
#6 - स्वामी विवेकानंद शिक्षा पर विचार
वो मजबूत आदमी है। जो कहता है कि मैं अपनी किस्मत स्वयं बनाऊंगा।
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जिसने ने भी किसी का साथ ढूंढा समझ लो उससे सफलता पीछे छूट गई। क्योंकि भीड़ कभी शिखर पर नहीं पहुंचती।
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हमें हमारे विचार ही बनाते हैं। इसलिए शब्दों पर नहीं अपनी सोच पर ध्यान दें। विचार हमेशा जिंदा रहते हैं।
दिन में कम से कम एक बार खुद से बात जरूर करें वरना आप दुनिया के बेहतरीन इंसान से नहीं मिल पाएंगे।
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तुम मुझे पसंद करो या मुझसे नफरत, दोनो ही मेरे पक्ष में हैं। क्योंकि अगर तुम मुझको पसंद करते हो तो मैं आपके दिल में हूँ और अगर तुम मुझ से नफरत करते हो तो मैं आपके दिमाग में हूं। पर रहूंगा आप के पास ही।
#7 - स्वामी विवेकानंद के दोहे
मनुष्य के चरित्र का नियमन करने वाली 2 चीजें होती हैं – बल और दया। बल का प्रयोग सदैव हम सभी शक्तियां और सुविधाओं और स्वास्थ्य उपयोग करने के लिए करते हैं। दया दैवीय संपत्ति है।
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दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते हैं।
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जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।
हिन्दू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है।
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यदि हमें गौरव से जीने का भाव जगाना है, अपने अंतर्मन में राष्ट्रभक्ति के बीज को पल्लवित करना है तो राष्ट्रीय तिथियों का आश्रय लेना होगा।
#8 - युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के विचार
उस ज्ञान उपार्जन का कोई लाभ नहीं जिसमे समाज का कल्याण न हो।
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कर्म योग का रहस्य है कि बिना किसी फल की इच्छा के कर्म करना है, यह भगवान कृष्ण द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता में बताया गया है।
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मन की एकाग्रता ही समग्र ज्ञान है।
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये, आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
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जीवन का रहस्य केवल आनंद नहीं बल्कि अनुभव के माध्यम से सीखना है।
#9 - स्वामी विवेकानंद के विचार Images
कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा। परन्तु उसके बारे में अभी मत सोचो।
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हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा हृदय उतना ही ज्यादा शुद्ध होगा और परमात्मा उसमें बसेंगे।
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शिक्षा व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है।
मौन, क्रोध की सर्वोत्तम चिकित्सा है।
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कोई व्यक्ति कितना ही महान क्यों न हो, आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलिए। यदि ईश्वर की ऐसी ही मंशा होती तो वह हर प्राणी को आँख, नाक, कान, मुँह, मस्तिष्क आदि क्यों देता…?
#10 - स्वामी विवेकानंद कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स
जिस क्षण मैंने ईश्वर को हर इंसान में बैठे महसूस किया है, उसी क्षण से में हर इंसान के सामने सम्मान से खड़ा होता हूँ और उनमे ईश्वर को देखता हूँ।
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वह आदमी अमरत्व तक पहुंच गया है जो किसी भी चीज़ से विचलित नहीं होता है।
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जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो। उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस पर ध्यान मत दो।
क्या तुम नहीं अनुभव करते कि दूसरों के ऊपर निर्भर रहना बुद्धिमानी नहीं हैं। बुद्धिमान व्यक्ति को अपने ही पैरों पर दृढतापूर्वक खड़ा होकर कार्य करना चहिए
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किसी की निंदा ना करें। अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो ज़रुर बढाएं। अगर नहीं बढ़ा सकते, तो अपने हाथ जोड़िये, अपने भाइयों को आशीर्वाद दीजिये और उन्हें उनके मार्ग पे जाने दीजिये।
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