101+ Bhagat Singh Quotes, Shayari And Status in Hindi
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#1 - Top 10 Bhagat Singh Shayari in Hindi With Images
ना नोटों पर ना फोटो पर और ना ही लबो पर नाम चाहता हूँ
मैं सरदार भगत सिंह हूँ, और दीवाना हूँ आजादी का
मैं इश्क नहीं इंकलाब चाहता हूँ
जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता
नोटों में भी लिपट कर
सोने में सिमटकर मरे हैं शासक कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता
हँसते-हँसते चढ़ा वो फांसी देश के लिए, उसका भी तो जमीर था
हर नौजवान है कायल जिसका, शहीद-ए-आजम भगत सिंह वो वीर था
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है
झूले कितने फंदों पर, कितनो ने खाई गोली थी
भारत के वीर शहीदों ने, खेली खून की होली थी
आजादी के लिए समर्पित, आजाद-भगत की टोली थी
मरते-मरते भी न छोड़ी, वो इंकलाब की बोली थी
#2 - Bhagat Singh Quotes in Hindi
मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूं
यहां की चांदनी, मिट्टी का ही गुणगान करता हूं
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की
तिरंगा हो कफन मेरा, बस यही अरमान रखता हूं
कभी सलमान के बालो पे तो कभी कैटरीना के गालो पे मर गए
कभी चुब्न, कभी चेहरे तो कभी चलो पे मर गए
ऊपर बैठे भगत सिंह भी कहते होंगे
यार सुखदेव, राजगुरु हम भी किन सालो के लिए मर गए
राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है
जवा दिलो में तुम जिंदा हो, तुम्हारा इंकलाब जिंदा है
मुल्क पे एहसान है, आजादी पे तुम्हारा हक़ पहला है
हम अपने खून से लिक्खें कहानी ऐ वतन मेरे
करें कुर्बान हंस कर ये जवानी ऐ वतन मेरे
#3 - Bhagat Singh Status in Hindi
भगत तुम न हिन्दू के लिए लड़े ना मुस्लमान के लिए लड़े
भगत तुम लड़े तो सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान के लिए लड़े
आज आजाद है और सोच आज भी गुलाम जो आपस में लड़े
सोई हुई कौम को फिर से जगाना होगा
ऐ भगत सिंह तुम्हे वापस आना ही होगा
जो भी व्यक्ति विकास के लिए खड़ा है
उसे हर एक रुढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी
उसमें अविश्वास करना होगा, तथा उसे चुनौती देनी होगी
जब तक था उसका मुछो प हाथ
इकलोता वो ही था पुरे देश में आज़ाद
जिस दिन थमी उसने देश की खातिर अपनी सांस
जल उठी चिंगारी देश करने को आज़ाद
कभी वतन के लिए सोच के देख लेना
कभी मां के चरण चूम के देख लेना
कितना मजा आता है मरने में यारों
कभी मुल्क के लिए मर के देख लेना
#4 - शहीद भगत सिंह शायरी इन हिंदी
फांसी के फंदे को जैसे गले का हार बनाया था
भगत सिंह ही था जो मरते वक्त मुस्कुराया था
सच है अंग्रेजी हुकूमत डर कर कांप गई होगी
सेन्ट्रल एसेम्बली में जब बम उसने गिराया था
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क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है
स्वतंत्रता सभी का एक कभी न खत्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है
ज़िन्दगी तुझसे एक आरजू है की एक ऐसी शाम आये
की जब याद करू वीरो को, एक दिन वो नाम मेरे सिंहे पे आये
मेरी वो रात सरहद के नाम आये
एक दिन ऐसा भी मौका आये, जहाँ मेरा नाम भी शहीदों में आये
मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए
जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए
और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए
तुम न समझो देश को आजादी यो ही मिली है
हर कली इस बाग़ की कुछ खून देकर खिली है
बिछ गए वे नींव में दिवार के निचे खड़े है
महल अपने शहीदों की छातियो पर ही खड़े है
#5 - भगत सिंह कविता हिंदी
वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते
वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरी आत्मा को नहीं
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लिख रहा हूं मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा
मैं रहूं या न रहूं पर, ये वादा है मेरा तुझसे
मेरे बाद वतन पर मरने वालों का सैलाब आएगा
शब्दों में जूनून की इन्तेहा पंक्ति में राष्ट्रप्रेम की धमकी रखता हूँ
पढने वालो की सांसे थम जाए लेखनी में वो खनक रखता हूँ
जुबान केशरिया हरियाली वसन शशिश्वेत अंत: करण रखता हूँ
चीर दूंगा मस्तक दो टुकड़ो में अंग-अंग में भगत सिंह रखता हूँ
गुलामो की इस बस्ती में वो ऐसे शेर आये थे
हकुमत-ए-जुल्म के मुह से आजादी छीन लाये थे
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ज़िन्दगी तो अपने दम पर ही जी जाती है
दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाये जाते हैं
#6 - दो लाइन भगत सिंह शायरी
लहू का रंग ही उसका हिन्दुस्तानी था
खुद में इन्कलाब की इक चिंगारी था
फांसी तो सिर्फ इक बहाना था उसका
असल में उसे क्रान्ति की आग लगाना था
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भगत सिंह स्टेटस शायरी हिंदी
मरा आज वो अलबेला था
जिसने वतन के लिए रंग बसंती चोला था
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शेर टंग गए फांसी पर, गद्दार बन गए राजा
एक क्रान्ति की और जरुरत है
मेरे भगत सिंह वापिस आजा
सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं
दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं
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देख चढ़ रहा हूँ फांसी मुछे मरोड़ कर
जा रहा हूँ एक लेकिन मेरे जैसे लाखो छोड़कर
#7 - इंकलाब जिंदाबाद शायरी
भारत के उन शहीदों के सम्मान में लगेंगे हर वर्ष मेले
जो इस देश की खातिर अपने लहू की हर बूंद से खेले
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अगर मिलाती आजादी चरखा चलने से
तो जलियावाला कांड न होता
अगर मिलता स्वराज झंड़ा लहराने से
तो भगत सिंह के गले में फंदा न होता
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आन देश की शान देश की, देश की हम संतान हैं।
तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान हैं |
ज़िन्दगी तो अपने दम पर जी जाती है,
दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।
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अगर बहरों को सुनना है , तो
आवाज बहुत जोरदार होनी चाहिए |
#8 - भगत सिंह के बोल
इन्क़िलाब जिंदाबाद |
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निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार
ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं |
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इश्क़ करना हमारा पैदायशी हक़ है ,
तो क्यों न वतन ए मिट्टी को अपना महबूब बना लें
उन जज्बातो की कद्र किया करते है
जिनमे गाँधी नही भगतसिंह हुआ करता है
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पढ़ रहा हूँ इश्क ए इंकलाब की किताब
अगर बन गया भगतसिंह तो दुश्मनो तुम्हारी खैर नही
#9 - भगत सिंह के बारे में दस लाइन
नौजवान जब उठते हैं तो निजाम बदल जाते हैं |
भगतसिंह तो आज भी पैदा होते हैं बस नाम बदल जाते हैं
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इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से
अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है
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इतिहास में गूँजता एक नाम हैं भगतसिंह
शेर की दहाड़ सा जश था जिसमे वे थे भगतसिंह
छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हुए जवान थे भगतसिंह
आज भी जो “रोंगटे खड़े करदे ऐसे
विचारो के धनि थे भगत सिंह
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है।
मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
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मैं भारतवर्ष का हरदम अमिट सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ।
#10 - क्रांतिकारी विचार शायरी
आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे
बची हो जो एक बूंद भी लहू की तब तक
भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे.
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कभी वतन के लिए सोच के देख लेना
कभी मां के चरण चूम के देख लेना,
कितना मजा आता है मरने में यारों,
कभी मुल्क के लिए मर के देख लेना!!
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वे मुझे देंगे मार
मगर ना मिटा सकेंगे मेरे विचार
मेरे तन को कुचल देंगे या कर देंगे खात्मा
पर ना मिटा सकेंगे वे मेरी आत्मा
सीने में जूनून और आँखों में देशभक्ति की चमक रखता हूँ !
दुश्मन की सांसे थम जायें, आवाज में इतनी धमक रखता हूँ
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लिख रहा हूँ अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा;
मेरे लहू का हर एक क़तरा इंक़लाब लाएगा;
मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये वादा है तुमसे मेरा कि;
मेरे बाद वतन पे मरने वालों का सैलाब आएगा।
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